नई दिल्ली। कांग्रेस के स्टार प्रचारक और पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू बीते 3 दिनों से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात के लिये दिल्ली में डटे हुए थे, लेकिन राहुल गांधी की ओर से बुलावा ना आने पर वो गुरुवार रात वापस पंजाब लौट गये। कहा जा रहा है कि सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के दबाव के बाद राहुल गांधी भी सिद्धू के मामले में खुलकर कोई स्टैंड नहीं ले पा रहे हैं। सिद्धू कांग्रेस में सम्मान के लिये तरस रहे हैं, इसी वजह से नाराज सिद्धू ने अभी तक पंजाब में नये मंत्रालय का चार्ज नहीं लिया है।
असमंजस की स्थिति
हालांकि पिछले एक महीने से राहुल गांधी को लेकर असमंजस की स्थिति है, कांग्रेस नेताओं का कहना है, कि अपने जन्मदिन पर राष्ट्रीय अध्यक्ष मुख्यालय पहुंचे थे, इसके साथ ही ये माना जा रहा है, कि वो काम पर लौट चुके हैं, लेकिन उनकी वैसी सक्रियता नहीं दिख रही है।
गहलोत भी मिलने आये थे
सिद्धू समेत अन्य राज्यों के कांग्रेस नेताओं ने राहुल गांधी से मिलने की कोशिश की थी, लेकिन वो किसी को भी समय नहीं दे रहे हैं, जिसके बाद तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं, पिछले दिनों राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी उनसे मुलाकात के लिये दिल्ली आये थे, लेकिन उन्हें भी बिना मिले ही लौटना पड़ा।
10 जून को मुलाकात
इसी महीने 10 जून को नवजोत सिंह सिद्धू ने अहमद पटेल और प्रियंका गांधी की मौजूदगी में राहुल गांधी से मुलाकात की थी, इस बैठक में अहमद पटेल को इस बात का जिम्मा सौंपा गया था, कि पंजाब में सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच दूरियां कम कराई जाएं, हाल ही में सिद्धू को दिल्ली बुलाया गया था और कहा गया था कि उन्हें संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी।
स्पष्ट भूमिका
हालांकि सिद्धू पंजाब में डिप्टी सीएम या प्रदेश अध्यक्ष का पद चाहते हैं, जिसके बाद मामला फिर उलझ गया है, माना जा रहा है कि सिद्धू राहुल गांधी से मिलकर अपनी स्पष्ट भूमिका पर बात करना चाहते थे, लेकिन राहुल गांधी उनसे मिले ही नहीं। राहुल के करीबियों का दावा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर बने रहने के लिये उन्हें मना लिया गया है, तो कुछ का कहना है कि वो इस पद पर रहना नहीं चाहते हैं, सोनिया गांधी ने भी इस मामले में चुप्पी साध रखी है।