नई दिल्ली। केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो(सीबीआई) ने भगोड़े हथियार व्यापारी संजय भंडारी के दिल्ली स्थित आधिकारिक ठिकानों पर रेड डाली है. सीबीआई ने इस मामले में कुछ अहम दस्तावेज जब्त किए हैं. सीबीआई की रेड जारी है. सीबीआई इससे पहले भी संजय भंडारी की संपत्तियों पर रेड डाल चुकी है.
सीबीआई ने भारतीय वायुसेना, रक्षा मंत्रालय के अज्ञात अधिकारियों, संजय भंडारी और स्विजरलैंड की कंपनी पिलाटस एयरक्राफ्ट लिमिटेड के खिलाफ मामला दर्ज किया है. यह एफआईआर पिलाटस एयरक्राफ्ट डील को लेकर दर्ज की गई है, जो यूपीए सरकार के कार्यकाल में हुई थी. एफआईआर में कांग्रेस चीफ राहुल गांधी के जीजा रॉबर्ट वाड्रा का नाम नहीं है.
लेकिन लंदन प्रॉपर्टी मामले की जांच के दौरान प्रवर्तन निदेशालय पिलाटस सौदा मामले में उनसे पूछताछ कर चुकी है. आरोप है कि साल 2008-09 में 75 बेसिक ट्रेनर एयरक्राफ्ट की खरीद में संजय भंडारी की कंपनी को 339 करोड़ रुपये की घूस दी गई. जांच एजेंसियों का कहना है कि इसी घूस से लंदन में रॉबर्ट वाड्रा के लिए बेनामी संपत्ति खरीदी गई. इसी को लेकर सीबीआई ने संजय भंडारी से जुड़ी संपत्तियों पर छापेमारी की और कई दस्तावेजों और आर्टिकल्स को जब्त कर लिया.
संजय भंडारी, लंदन में रहने वाले उसके रिश्तेदार सुमित चड्ढा, मनोज अरोड़ा और रॉबर्ट वाड्रा के बीच ई-मेल पर हुई बातचीत से पता चलता है कि वाड्रा की उस संपत्ति में दिलचस्पी थी और वह उस प्रॉपर्टी में चल रहे रेनोवेशन वर्क के बारे में सब कुछ जानना चाहते थे. इससे पहले ईडी कोर्ट को प्रॉपर्टीज के बारे में बता चुका है, जिसके लाभार्थी रॉबर्ट वाड्रा हैं. इसमें लंदन के दो घर शामिल हैं, जिनकी कीमत 5 मिलियन पाउंड और 4 मिलियन पाउंड है. इसके अलावा 6 फ्लैट हैं.
क्या है पिलाटस डील
पिलाटस डील वायुसेना के लिए बेसिक ट्रेनर एयरक्राफ्ट खरीदने के लिए थी. इस डील में 75 पिलाटस पीसी-7 बेसिक ट्रेनर एयरक्राफ्ट खरीदे जाने थे.इस डील की कीमत 2896 करोड़ रुपये थी. साल 2008 में भंडारी ने ऑफसेट सॉल्यूशंस बनाया. साल 2010 में ऑफसेट ने पिलाटस के साथ एक डील साइन की. जांच एजेंसियों के पास मौजूद दस्तावेज दिखाते हैं कि 7,50,000 स्विस फ्रैंक पिलाटस ने कंसलटेंसी के लिए भंडारी को दिए. इसी दौरान भंडारी लंदन में रियल एस्टेट प्रॉपर्टी खरीद रहे थे.