नई दिल्ली। विश्वस्त खुफिया जानकारी के मुताबिक दिल्ली में यहूदी (Jews) समुदाय के ऊपर आतंकवादी हमले का ख़तरा मंडरा रहा है. जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed)और आईएसआईएस (ISIS) साथ मिलकर दिल्ली में यहूदियों के ऊपर हमले की साजिश रच रहे हैं. इनके साथ एक और आतंकवादी संगठन के आतंकवादी भी हैं, लेकिन उनकी पहचान नहीं हो पाई है. यहूदी समुदाय के ऊपर हमले से ये आतंकवादी इज़रायल के ख़िलाफ हमास की कार्रवाइयों का समर्थन जताना चाहते हैं.
खुफ़िया सूत्रों के मुताबिक ये हमले इज़राइली दूतावास, साइनोगॉग(SYNAGOGUES), यहूदी स्कूल, इज़राइली कल्चरल सेंटर या उन होटलों में हो सकते हैं, जहां यहूदी समुदाय या इज़राइली दूतावास से जुड़े लोग आते-जाते हैं. इनके निशाने पर चवाद हाउस (CHABAD HOUSE) भी हो सकते हैं, जहां भारत में कारोबार, पढ़ाई या घूमने के लिए आए इज़राइली रुकते हैं.
भारत में पहले भी इस्लामिक आतंकवादियों के निशाने पर यहूदी समुदाय या इज़राइली रहे हैं. 26 नवंबर 2008 में मुंबई पर पाकिस्तानी आतंकवादियों के हमलों का निशाना नरीमन हाउस भी था, जहां भारत में रहने वाले या घूमने आने वाले यहूदी रुकते थे. इस हमले में नरीमन हाउस के रबाई (RABBI) और उनकी पत्नी सहित चार लोग मारे गए थे.
13 फरवरी 2012 को दिल्ली में इज़राइली डिफेंस अताशे की पत्नी की कार को स्टिकी बम का निशाना बनाया गया था, जिसमें तीन लोग घायल हो गए थे. जून 1991 को कश्मीर घूमने आए 7 इज़राइली पर्यटकों का उनकी हाउस बोट से इस्लामिक आतंकवादियों ने अपहरण कर लिया था. बाद में इन्होंने छूटने के लिए संघर्ष किया जिस में एक इज़राइली की जान गई थी.
इज़राइली नागरिकों या यहूदियों पर हमले करके इस्लामिक आतंकवादी इज़राइल के साथ चल फिलीस्तीनियों आतंकवादियों के समर्थन का संदेश देना चाहते हैं. भारत में यहूदी समुदाय के बहुत कम लोग हैं जो मुंबई, कोलकाता और कोच्ची में रहते हैं. लेकिन भारत, इज़राइली पर्यटकों के लिए एक बड़ा आकर्षण है और हर साल बड़ी तादाद में इज़राइली भारत की यात्रा पर आते हैं.