World Cup 2019: इंग्लैंड में हीरो बने हफीज, पाक में छेड़ा जाता है ‘प्रोफेसर’ के नाम से

पाकिस्तान क्रिकेट (Paksitan Cricket) के लिए भारत के बाद कोई देश अहमियत रखता है तो वह शायद इंग्लैंड ही होगा. और जब पिछली 11 लगातार हार के बाद पाकिस्तान ने आईसीसी विश्व कप 2019 (ICC World Cup 2019) में इंग्लैंड को हराया तो उस मैच में खेला पाकिस्तान का हर क्रिकेटर खिलाड़ी अपने देश का हीरो बन गया.  इस मैच का मैन ऑफ द मैच रहे मोहम्मद हफीज (Mohammad Hafeez) को भी हीरो तो बनना ही था. मैच में 62 गेंदों पर 84 रन बनाने वाले मोहम्मद हफीज के लिए यह मुकाम हासिल करना आसान नहीं था. हफीज इससे पहले हमेशा ही टीम, पाकिस्तान क्रिकेट और देश में सम्मान के लिए जद्दोजहद करते नजर आ रहे थे. हफीज की यह कहानी कम दिलचस्प नहीं है.

पिछली सीरीज की हार का अनुभव काम आया
पिछले महीने ही इंग्लैंड ने पाकिस्तान को 4-0 से वनडे सीरीज हराई थी जिसमें पाकिस्तान ने एक मैच छोड़कर पाकिस्तान ने सारे मैचों में 340 से ज्यादा स्कोर बनाने के बाद भी मैच गंवाए थे. जब विश्व कप के अपने पहले मैच में इंग्लैंड के कप्तान ईयोन मोर्गन ने पाकिस्तान को पहले बल्लेबाजी करने को कहा. पाकिस्तान को पता था कि इंग्लैंड के खिलाफ बड़ा स्कोर करना ही होगा. 348 के स्कोर में मोहम्मद हफीज की पारी का अहम योगदान था. हफीज ने पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ी और सबसे तेज पारी भी खेली.

क्या डर रहता है पाक खिलाड़ियों को
हाल ही में हफीज ने पाकिस्तानी क्रिकेटर्स के उस डर के बारे में बताया जो उन्हें टीम में चयन को लेकर होता है, खासकर वे प्लेयर्स जो टीम में पक्के तौर पर नहीं हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हफीज का मानना है कि सोसाइटी में डर है, क्या हमारे खिलाड़ियों को बुरे वक्त में सपोर्ट किया जाता है. बकौल हफीज जिस तरह से जॉनी बेयरस्टॉ या जेसन रॉय हाल के दिनों में आउट हुए हैं, उस तरह के शॉट एक बार भी पाकिस्तानी खिलाड़ी खेले जाएं तो वे कभी टीम में वापस नहीं आ सकेंगे.

ENG vs PAK

क्या दिक्कतें आती रहीं हफीज को
16 साल पहले पाकिस्तान के लिए हफीज ने पहला मैच खेला. तब से उनका सफर आसान नहीं रहा. हफीज को इस दौरान प्यार और जगह के साथ सम्मान हासिल करने में दिक्कतें आईं. हफीज को उनका विश्लेषणात्मक रवैए और बेबाक टिप्पणियों के कारण उन्हें प्रोफेसर भी कहा जाता था. मीडिया में ऐसे कई किस्से बताए जा चुके हैं जहां उनकी बेबाकी और सलाह देते रहने की आदत को पसंद नहीं किया गया. यहां तक कि सीनियर और रिटायर्ड क्रिकेटर्स कभी उन्हें पसंद नहीं कर सके. उनकी काफी आलोचना होती थी. कुछ साल पहले कॉमेंट्री के दौरान शोएब अख्तर ने कहा था हफीज बस चुप रहें. इसपर उनके साथ कमेंट्री कर रहे वसीम अकरम ने कहा था मुश्किल है. उस समय हफीज टीम के कप्तान थे. ऐसी कई बातें हैं जो हफीज की इमेज के बारे में बताती हैं जो उनके साथी और सीनियर क्रिकेटर के मन में थी.

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