नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए भाजपा का शीर्ष नेतृत्व उम्मीदवारों के नाम पर मंथन कर रहा है तथा पूर्व केन्द्रीय मंत्री मेनका गांधी के अलावा राधामोहन सिंह एवं वीरेन्द्र कुमार सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं को इस पद की दौड़ में शामिल माना जा रहा है. सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि संभावित उम्मीदवारों में पूर्व केन्द्रीय मंत्री जुएल ओराम एवं एस एस अहलुवालिया के भी नाम शामिल हैं. आठ बार सांसद बन चुकी मेनका गांधी भाजपा की सबसे अनुभवी लोकसभा सदस्य हैं और वह अध्यक्ष पद के लिए एक स्वाभाविक विकल्प हैं. सत्रहवीं लोकसभा में सबसे अनुभवी सांसद होने के कारण उन्हें कार्यवाहक अध्यक्ष चुना जा सकता है.
वीरेंद्र कुमार के साथ दलित फैक्टर
राधामोहन सिंह भी छह बार सांसद का चुनाव जीत चुके हैं और उन्हें भी अध्यक्ष पद के लिए एक मजबूत दावेदार माना जा रहा है. सिंह की संगठन पर गहरी पकड़ है तथा उनकी छवि विनम्र एवं सबको साथ लेकर चलने वाले नेता की है. सूत्रों ने कहा कि वीरेन्द्र कुमार भी छह बार से सांसद हैं और उनकी दलित छवि उनके पक्ष में काम कर सकती है.
अहलुवालिया पिछली सरकार में संसदीय कार्य राज्य मंत्री थे और विधायी मामलों में उनकी जानकारी के कारण वह विख्यात हैं. भाजपा नेताओं के एक वर्ग का मानना है कि पार्टी नेतृत्च दक्षिण भारत से किसी नेता का चयन कर सबको हैरत में डाल सकता है.
लोकसभा उपाध्यक्ष का पद जा सकता है बीजू जनता दल के पास
सूत्रों ने बताया कि लोकसभा उपाध्यक्ष का पद बीजू जनता दल (बीजद) को इस बार दिया जा सकता है तथा कटक से सांसद भृर्तुहरि महताब का नाम इस पद के लिए विचार किया जा रहा है. महताब को 2017 में सर्वोत्तम सांसद के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
लोकसभा की पहली बैठक 17 जून को
16वीं लोकसभा में उपाध्यक्ष पद पर अन्नाद्रमुक के एम थम्बी दुरै को आसीन किया गया था. सत्रहवीं लोकसभा की पहली बैठक 17 जून को होगी। अध्यक्ष पद के लिए 19 जून को चुनाव होगा. निचले सदन में भाजपा नीत राजग के पास करीब दो तिहाई बहुमत होने के कारण लोकसभा अध्यक्ष पद इसी के पास जाना तय है.