शरत चंद्र सांस्कृत्यान
केजरी सर ने दिल्ली में महिलाओं के लिए मेट्रो-डीटीसी में यात्रा फ्री करने की घोषणा की है, बड़ी अच्छी बात है, बिल्कुल करनी चाहिए, लेकिन इस शातिर दिमाग की चालाकी देखिए, फैसला तत्काल प्रभाव से लागू नहीं होगा, अधिकारी इस पूरी योजना पर रिपोर्ट तैयार कर चार महीने में सरकार को सोंपेंगे। जिसमें, जाहिर सी बात है आराम से छः महीने लग जाएंगे, तबतक दिल्ली में चुनाव की घोषणा हो जाएगी और आचार संहिता में इसे लागू किया नहीं जा सकता।
अब केजरी सर दिल्ली में बड़े बड़े होर्डिंग लगवाएंगे कि महिलाओं की यात्रा फ्री, चुनाव प्रचार में घूम घूमकर बताएंगे कि हमने तो दे दिया है लेकिन आचार संहिता के कारण अभी लागू नहीं हो रहा, बस, मेरी सरकार बनते ही सबसे पहले यही लागू होगा जी, भाई साहब, सिर्फ इस योजना पर सरकार को 7 सौ करोड़ भरने पड़ेंगे। दिल्ली सरकार कहां से लाएगी, ये नहीं बता रहे केजरी सर…अभी ऐसी और कितनी योजनाओं की घोषणा करेंगे, वो देखना बाकी ही है।
पिछली घोषणाओं का क्या हुआ, पता नहीं, न सीसीटीवी लगा, न वाईफाई लगा, न नये कॉलेज बने, न डीटीसी में मार्शल नियुक्त हुए, और सबसे बड़ी घोषणा, जो सरकार बनते ही सबसे पहले पूरी होनी थी, जन लोकपाल की नियुक्ति, आज तक नहीं हो पायी। अब ये महिलाओं की मुफ्त यात्रा…भई, देना ही है तो तत्काल दो…किसने रोका है।
मोदी ने चुनाव से पहले कहा, गरीब किसानों को 6 हजार सालाना मिलेगा, 2 हजार की पहली किस्त तत्काल दे दी, लोगों को भरोसा हुआ, झोली भर भर कर वोट दे दिए,राहुल बाबा ने कहा 72 हजार दूंगा….किसी ने भरोसा ही नहीं किया। इसलिए ईमानदारी से देना चाहते हो तो दे दो, चालबाजी क्यूं कर रहे हो, और ये भी जान लो कि घोषणा कर के यदि चुनाव से पहले नहीं दिए तो इस बार एक एक वोट के लिए तरस जाओगे।