कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को बीजेपी पर जमकर बरसीं. उन्होंने मीडिया को भी नहीं बख्शा. बनर्जी ने राज्य सचिवालय नबन्ना में मीडियाकर्मियों से कहा, “आप लोग उनकी (भाजपा की) धुन पर नाच रहे हैं. लेकिन मैं ऐसा नहीं करूंगी. मैं कुरान, पुराण, वेद, वेदांत, बाइबिल, गुरु ग्रंथ साहिब और त्रिपिटक को मानूंगी. मैं बीजेपी के नारे को नहीं मानूंगी.”
ममता ने ‘जय श्री राम’ के नारे को विकृत बताते हुए भगवान राम की पत्नी सीता का नाम ‘जय सिया राम’ के मूल मंत्र से हटाने का आरोप लगाया. ममता ने कहा, “बीजेपी जो कुछ भी कहती है आप लोग उसे लिखते हैं. ‘जय सिया राम’ का नारा उत्तर प्रदेश में इस्तेमाल किया जाता है. इसका मतलब है राम और सीता की महिमा.”
बनर्जी ने राज्य सचिवालय नबन्ना में मीडियाकर्मियों से कहा, “जब महात्मा गांधी जी ‘राम धुन’ को जपा करते थे, तो वे कहते थे, ‘रघुपति राघव राजा राम, पतित पावन सीता राम’ लेकिन भाजपा ने मां सीता के नाम को हटा दिया. उन्होंने मूल मंत्र को विकृत कर दिया है और अब एक नया नारा बना रहे हैं.”
पश्चिम बंगाल में ‘जय श्री राम’ के नारे ने बड़ा विवाद पैदा कर दिया है. राज्य में भाजपा कार्यकर्ता लगातार ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते हैं, जिससे ममता अपना आपा खो बैठती हैं. उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं को चुनौती दी है कि अगर हिम्मत है तो वे उसके सामने आकर नारा लगाएं.
क्षेत्रीयी भाषाओं को मिले प्राथमिकता: ममता
ममता ने गैर हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी की पढ़ाई को अनिवार्य बनाने के केंद्र सरकार के अब छोड़ दिए प्रस्ताव के विरोध में दक्षिण के राज्यों के साथ सुर मिलाते हुये सोमवार को कहा कि क्षेत्रीय भाषाओं को प्राथमिकता मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि लोगों को भाषा के प्रयोग को लेकर चयन की स्वतंत्रता होनी चाहिए. केंद्र सरकार की ओर परोक्ष संकेत करते हुये उन्होंने कहा, ‘‘आप सब कुछ नियंत्रित नहीं कर सकते.’’