सरकार में नहीं चाहते रोल, BJP अध्यक्ष बने रहना चाहते हैं अमित शाह: सूत्र

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह अपने पद पर बने रहना चाहते हैं. सूत्रों ने इंडिया टुडे को यह जानकारी दी. नरेंद्र मोदी गुरुवार को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं. उनके साथ कुछ मंत्री भी शपथ लेंगे. सूत्रों के हवाले से खबरें आ रही हैं कि अमित शाह को भी इस बार मंत्री बनाया जा सकता है लेकिन इसका औपचारिक ऐलान अभी होना बाकी है.

अमित शाह बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के साथ ही 23 मई तक राज्यसभा के सदस्य भी थे. उनका राज्यसभा का कार्यकाल 23 मई को समाप्त हुआ है अबकी बार लोकसभा चुनाव में वे गांधीनगर से जीत कर आए हैं. बीजेपी की प्रचंड जीत के साथ अटकलें लगाई जा रही हैं कि अमित शाह को केंद्रीय कैबिनेट में कोई अहम पद दिया जाएगा. हालांकि सूत्रों ने बुधवार को इंडिया टुडे को जानकारी दी कि वे अपने पद पर बने रहना चाहते हैं.

बीजेपी के कुछ नेताओं का मानना है कि संगठन के कुछ नेताओं को भी मंत्री पद दिया जा सकता है. अमित शाह अगर सरकार में शामिल होते हैं तो अध्यक्ष पद के लिए जेपी नड्डा और भूपेंद्र यादव का नाम सबसे आगे चल रहा है. बुधवार को प्रधानमंत्री कार्यालय के कुछ अधिकारियों ने अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात की थी. इस मुलाकात से शाह के किसी बड़े रोल को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं. उधर अमित शाह के घर पार्टी नेताओं का लगातार आना-जाना लगा हुआ है. बुधवार को पीयूष गोयल भी अमित शाह के घर उनसे मिलने पहुंचे थे.

सूत्रों के मुताबिक नरेंद्र मोदी कैबिनेट में जिन नेताओं को जगह मिल सकती हैं उनके नाम हैं-राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, पीयूष गोयल, रविशंकर प्रसाद, निर्मला सीतारमण, धर्मेंद्र प्रधान, स्मृति ईरानी, प्रकाश जावडेकर, नरेंद्र सिंह तोमर, मुख्तार अब्बास नकवी, जेपी नड्डा, गिरिराज सिंह, आरके सिंह, राज्यवर्धन सिंह राठौडर, अर्जुन सिंह, गजेंद्र सिंह शेखावत, रामविलास पासवान, अनुप्रिया पटेल, रामदास आठवाले.

बीजेपी के नियमों के मुताबिक एक अध्यक्ष 3 साल के दो कार्यकाल पूरे कर सकता है. अभी अमित शाह के पास बीजेपी अध्यक्ष के तौर पर दूसरा पूर्ण कार्यकाल बाकी है. जनवरी 2019 में 3 साल का उनका पहला कार्यकाल पूरा हुआ था लेकिन उन्हें चुनाव तक अस्थायी अध्यक्ष के तौर पर जिम्मेदारी दी गई थी. अगर वे बीजेपी अध्यक्ष बने रहेंगे तो 2022 तक उनका कार्यकाल होगा. अगर वह मंत्री बनेंगे तो फिर किसी और को अध्यक्ष के तौर पर चुनाव करना पड़ेगा. ऐसा 2014 में हुआ था जब राजनाथ सिंह गृह मंत्री बने थे और अध्यक्ष पद छोड़ा था. तब उनका बचा हुआ 2 साल का कार्यकाल अमित शाह ने पूरा किया था.

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