नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दूसरे कार्यकाल के लिए गुरुवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में शपथ ग्रहण करेंगे. सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी कल शाम 7 बजे शपथ ग्रहण करेंगे. उनके साथ 65 से 70 मंत्री भी शपथ लेंगे. सूत्रों के हवाले से यह जानकारी भी मिली है कि पश्चिम बंगाल में हिंसा में मारे गए बीजेपी कार्यकर्ताओं के परिजनों को भी शपथ ग्रहण समारोह में बुलाया गया है.
बता दें कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और समझा जाता है कि दोनों नेताओं ने नई सरकार के गठन की बारीकियों पर चर्चा की. नई सरकार में मंत्रिपरिषद को गुरूवार को शपथ दिलाई जाएगी.
दरअसल, नरेंद्र मोदी 30 मई को दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले हैं. इसको लेकर दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में तैयारियां चल रही हैं. पीएम मोदी के अलावा मंत्रिमंडल में कौन-कौन शपथ लेंगे, इसे लेकर आज भी दिल्ली में बैठकों का दौर जारी रहेगा.
भाजपा में एक तबके का मानना है कि अभूतपूर्व बहुमत से सत्ता में पार्टी की वापसी कराने में अहम भूमिका निभाने के बाद शाह सरकार में मंत्री पद संभाल सकते हैं. हालांकि, शाह ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है.
उल्लेखनीय है कि बिम्सटेक देशों के सभी नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल के लिए आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने की पुष्टि कर दी है. विदेश मंत्रालय ने कहा है कि मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ और किर्गीस्तान के राष्ट्रपति एस जीनबेकोव ने भी कार्यक्रम में शिरकत करने को लेकर अपनी सहमति दे दी है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हामिद, श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना और नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लेने की पुष्टि की है.
उन्होंने बताया कि म्यामां के राष्ट्रपति यू विन मिंट और भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग ने भी इस बात की पुष्टि कर दी है कि वे इस कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. कुमार ने कहा कि थाईलैंड की ओर से विशेष दूत ग्रिसाडा बूनरैक समारोह में अपने देश का प्रतिनिधित्व करेंगे. भारत के अलावा बिम्सटेक में बांग्लादेश, म्यामां, श्रीलंका, थाईलैंड, नेपाल और भूटान शामिल हैं.
मोदी ने 2014 में शपथ ग्रहण समारोह के लिए पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ सहित सभी दक्षेस नेताओं को आमंत्रित किया था. हालांकि, बृहस्पतिवार के समारोह के लिए बिम्सटेक नेताओं को आमंत्रित किये जाने को पाकिस्तान को इस बात का संकेत भेजने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है कि भारत उसके साथ बातचीत नहीं करना चाहता है.