नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के नवनिर्वाचित सांसद एनडीए की संसदीय दल की बैठक में पहुंच गए हैं. बैठक में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पहुंचे. पीएम मोदी का स्वागत गृहमंत्री राजनाथ सिंह और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने किया. इस बैठक में नरेंद्र मोदी को औपचारिक रूप से बीजेपी संसदीय दल का नेता चुना गया. उनके नाम का प्रस्ताव बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने किया. इस प्रस्ताव का समर्थन राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी ने किया.
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एनडीए का नेता चुना गया. उनके नाम का प्रस्ताव अकाली दल के मुखिया प्रकाश सिंह बादल ने किया. उनके इस प्रस्ताव का समर्थन जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, एलजेपी प्रमुख रामविलास पासवान, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलानीसामी, नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफियो रियो, मेघालय के सीएम काेनार्ड संगमा ने किया.
संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ये चुनाव पूरे विश्व के लिए एक अजूबे की तरह था. हमें मिले प्रचंड जनादेश ने जिम्मेदारी बढ़ा दी है. देश की जनता सेवाभाव स्वीकार करती है. अहंकार यहां स्वीकार नहीं किया जाता है. भारत का मतदाता सत्ताभाव स्वीकार नहीं करता. जनता ने हमें किसी पार्टी के कारण नहीं सेवाभाव के कारण चुना है. पीएम मोदी ने कहा, आपने मुझे आज चुना है. ये एक व्यवस्था का हिस्सा है. मैं भी आपमें से एक हूं. हमें कंधे से कंधा मिलाकर चलना है. सभी सांसदों के साथ साथ और बराबर चलना है. मैं साथियों के विश्वास पर जरूर खरा उतरूंगा.
पीएम मोदी ने बैठक ने संबोधित करते हुए कहा, आमतौर पर चुनाव बांटते हैं. दूरियां बढ़ाते हैं. लेकिन 2019 के चुनाव में ऐसा नहीं है. इस चुनाव ने दीवारों को गिराने का काम किया है. इस बार देश भागीदार बना है. जितना हमने सरकार को चलाया, देश को बढ़ाया है, उससे ज्यादा देश की जनता ने देश को आगे बढ़ाया है. हर पांच साल में एंटी इन्कंबेंसी होती है, लेकिन जब विश्वास मजबूत हो, प्रो इनकंबेंसी होती है.
ये देश परिश्रम की पूजा करता है, यही इसकी पवित्रता है. इसे आगे बढ़ाना लेकर आगे चलना हमारी जिम्मेदारी है. जनता ने हमें इतना बड़ा आदेश दिया है. सीना चौड़ा हो जाता है. लेकिन हमें बदले की भावना नहीं रखना है. हमें सभी का विकास करना है, जो हमारे समर्थन में हैं या नहीं हैं. इसलिए मेरा सांसदों से निवेदन है कि हमारा कोई पराया नहीं है. 2014 में जितने वोट मिले, 2019 में उससे ज्यादा वोट मिले.
VIP कल्चर से दूर रहें
2014 से 2019 तक हमने गरीबों के लिए सरकार चलाई और आज मैं बड़े संतोष के साथ कह सकता हूं कि ये सरकार देश के गरीबों ने बनाई है.वीआईपी कल्चर से देश को बड़ी नफरत है। हम भी नागरिक हैं तो कतार में क्यों खड़े नहीं रह सकते। मैं चाहता हूं कि हमें जनता को ध्यान में रखकर खुद को बदलना चाहिए। लाल बत्ती हटाने से कोई आर्थिक फायदा नहीं हुए, जनता के बीच अच्छा मैसेज गया है.
दुर्भाग्य से देश की माइनॉरिटी को उस छलावे में ऐसा भ्रमित और भयभीत रख गया है, उससे अच्छा होता कि माइनॉरिटी की शिक्षा, स्वास्थ्य की चिंता की जाती. 2019 में आपसे अपेक्षा करने आया हूं कि हमें इस छल को भी छेदना है. हमें विश्वास जीतना है. देश पर इस गरीबी का जो टैग लगा है, उससे देश को मुक्त करना है. गरीबों के हक के लिए हमें जीना-जूझना है, अपना जीवन खपाना है. गरीबों के साथ जैसा छल हुआ, वैसा ही छल देश की माइनॉरिटी के साथ हुआ है.
मेरे जीवन के कई पड़ाव रहे, इसलिए मैं इन चीजों को भली-भांति समझता हूं, मैंने इतने चुनाव देखे, हार-जीत सब देखे, लेकिन मैं कह सकता हूं कि मेरे जीवन में 2019 का चुनाव एक प्रकार की तीर्थयात्रा थी. 2014 में भाजपा को जितने वोट मिले और 2019 में जो वोट मिले, उनमें जो वृद्धि हुई है, यह वृद्धि करीब-करीब 25 प्रतिशत है.
बीजेपी संसदीय दल और एनडीए का नेता चुने जाने के बाद सभी बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के अलावा एनडीए के दलों के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकृष्ण आडवाणी, प्रकाश सिंह बादल और मुरली मनोहर जोशी के पैर छूकर आशीर्वाद लिया.
बता दें कि नरेंद्र मोदी को पहले ही एनडीए का नेता घोषित किया जा चुका है. संसदीय दल की बैठक के बाद रात 8 बजे नरेंद्र मोदी सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे. एनडीए सांसदों की बैठक संसद के सेंट्रल हॉल में शाम 5 बजे होगी. गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी 303 सीटें जीत चुकी है और एनडीए गठगबंधन को 350 सीटें हासिल हुई है.
बैठक में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी समेत एनडीए के कई बड़े नेता पहुंच चुके हैं. अभिनेता से नेता बने सनी देओल, किरण खेर, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को उनके गढ़ अमेठी में हराने वाली स्मृति ईरानी भी बैठक में मौजूद हैं. इसके साथ ही एनडीए के घटक दलों के जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार, शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, एलजेपी के मुखिया रामविलास पासवान आदि मौजूद हैं.
बैठक में नितिन गडकरी, राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, मेनका गांधी, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ समेत कई बड़े नेता मौजूद हैं.
सूत्रों की मानें तो, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई सरकार के गठन का दावा पेश करने के लिए शनिवार रात राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर सकते हैं. सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री रात करीब आठ बजे राष्ट्रपति से मिलने जा सकते हैं और इससे पहले शाम सात बजे एनडीए के नेता कोविंद से मिलेंगे.
सरकार गठन को लेकर जारी गहमागहमी के बीच पार्टी के कई नेताओं का ऐसा विचार है कि शाह, मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होंगे और उन्हें गृह, वित्त, विदेश या रक्षा में से कोई एक मंत्रालय दिया जा सकता है. वित्त मंत्री अरुण जेटली और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के समक्ष स्वाथ्य संबंधी समस्याएं हैं. ऐसे में उनके नई सरकार में शामिल होने को लेकर शंकाएं हैं. जेटली राज्य सभा के सदस्य हैं और वह 2014 के चुनाव में अमृतसर सीट पर हार गए थे. सुषमा स्वराज ने पिछला चुनाव मध्य प्रदेश के विदिशा से जीता था. हालांकि, इस बार उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा.
इन दोनों नेताओं ने नई सरकार में शामिल होने या नहीं होने पर कोई टिप्पणी नहीं की है. चुनाव प्रचार के दौरान शाह ने भी इस बारे में पूछे गए सवालों को टाल दिया और कहा कि यह पार्टी और प्रधानमंत्री के अधिकार क्षेत्र का विषय है. ऐसी उम्मीद है कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण नई सरकार में मुख्य भूमिका में रह सकती हैं. स्मृति ईरानी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अमेठी से पराजित किया है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि पार्टी उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है.
वहीं, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, रविशंकर प्रसाद, पीयूष गोयल, नरेन्द्र सिंह तोमर, प्रकाश जावड़ेकर को नए मंत्रिमंडल में बनाये रखे जाने की संभावना है. जेडीयू और शिवसेना को भी नये कैबिनेट में स्थान दिया जा सकता है क्योंकि दोनों दलों ने क्रमश: 16 और 18 सीट दर्ज करके शानदार प्रदर्शन किया है. केंद्रीय मंत्रिमंडल में पश्चिम बंगाल, ओडिशा और तेलंगाना से नये चेहरों को स्थान दिया जा सकता है.
बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, ‘‘मंत्री परिषद में कई युवा चेहरों को स्थान दिये जाने की संभावना है क्योंकि बीजेपी नेतृत्व पार्टी की दूसरी कतार तैयार करना चाहता है.’ 17वीं लोकसभा का गठन तीन जून से पहले किया जाना है. इस बारे में तीनों चुनाव आयुक्त राष्ट्रपति से मिले और नये चुने गए सदस्यों की सूची उन्हें सौपी.