नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘रडार विज्ञान’ की वजह से सोशल मीडिया में उनकी बहुत किरकिरी हो रही है. एक तरफ लोग उनके बादलों वाले तर्क को हास्यापद बता रहे हैं तो कुछ लोग उनके ‘रडार विज्ञान’ का समर्थन भी कर रहे हैं. उनका कहना है कि बालाकोट एयर स्ट्राइक के समय बादलों की वजह से संभवत: फायदा मिला था.
इस बारे में आजतक ऑनलाइन टीम ने भोपाल में पूर्व एयर वायस मार्शल आदित्य विक्रम पेठिया से बात की जो 1971 के युद्ध में बीकानेर बॉर्डर के हवाई हमले में खुद शामिल थे. इस हमले में उन्हें युद्धबंदी बनना पड़ा था और 5 महीने 3 दिन और 8 घंटे पाकिस्तान में यातना सही. जेल से रिहा होने के बाद उन्हें राष्ट्रपति वीवी गिरी ने 1973 में वीर चक्र से सम्मानित किया था.
लड़ाकू विमानों की बिल्कुल सही जानकारी मिलना कठिन
पेठिया ने बताया कि बादल और बारिश वाले मौसम में एयरक्राफ्ट उड़ाना हमेशा से चुनौतीपूर्ण रहा है और ऐसी स्थिति से बचने की कोशिश की जाती है. छोटे-मोटे बादलों से तो रडार को ज्यादा फर्क नहीं पड़ता लेकिन यदि घने बादल हैं तो लड़ाकू विमानों की बिल्कुल सही जानकारी मिलना कठिन होती है. ये कुछ इस तरह है कि जब बारिश, आंधी, तूफान आता है तो कुछ समय के लिए टीवी के सिग्नल भी डिस्टर्ब हो जाते हैं.
रडार के मौसम से प्रभावित होने की बात
वहीं ओडिशा से भाजपा के प्रमुख नेता और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बिजयंत पांडा ने भी प्रधानमंत्री मोदी के उस बयान का समर्थन किया जिसमें रडार के मौसम से प्रभावित होने की बात कही गई थी. बिजयंत पांडा ने मिशिगन टेक्निकल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की है. राजनीति में आने से पहले बिजयंत पांडा ने कॉर्पोरेट सेक्टर में नौकरी की. उन्होंने बीजू पटनायक और उनके बेटे और ओडिशा के मौजूदा मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के साथ काम किया है. उन्होंने एक लिंक शेयर की जिसमें रडार से रिलेटेड जानकारी दी गई है.
बता दें कि एक इंटरव्यू के दौरान मोदी ने कहा था कि मैं दिनभर व्यस्त था. स्ट्राइक के फैसले को रात नौ बजे रिव्यू किया, फिर बारह बजे रिव्यू किया. हमारे सामने समस्या थी, उस समय मौसम अचानक खराब हो गया था. बहुत बारिश हुई थी. विशेषज्ञ तारीख बदलना चाहते थे, लेकिन मैंने कहा कि इतने बादल हैं, बारिश हो रही है तो एक फायदा है कि हम पाकिस्तान के रडार से बच सकते हैं. सब उलझन में थे क्या करें. फिर मैंने कहा बादल हैं, जाइए और वे चल पड़े.
इस पर लोगों ने उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोल करना शुरू कर दिया है. लोग पूछ रहे हैं कि अगर बारिश और बादल की वजह से रडार से बच जाते तो जैसे ही बादल आते, एक देश दूसरे देश पर आक्रमण कर देता. साथ ही रडार सिस्टम इस तरह काम नहीं करता कि बादलों की वजह से किसी प्लेन को वह पकड़ न सके, जबकि रडार होते ही इसलिए हैं कि विपरीत परिस्थितियों में आसमान का जायजा लिया जा सके.