मुंबई। ऋणों की गुणवत्ता में सुधार और कर्ज की लागत में गिरावट से भारतीय स्टेट बैंक ने 2018-19 की चौथी तिमाही में 838 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया. इसकी तुलना में बैंक को 2017-18 की जनवरी – मार्च तिमाही में 7,718 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था. मार्च में समाप्त वित वर्ष 2018-19 में बैंक का शुद्ध लाभ 862 करोड़ रुपये रहा. 2017-18 में उसे 6,547 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था.
बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार ने संवाददाताओं से कहा, “बैंक ने सभी मानकों पर अच्छा प्रदर्शन किया है. स्थितियों में बदलाव आया है. ऋण परिसंपत्ति की गुणवत्ता में सुधार दिख रहा है. सकल एनपीए और शुद्ध एनपीए दोनों में गिरावट दर्ज की गई है.”
उन्होंने कहा कि कर्ज की लागत भी एक प्रतिशत सुधर कर 2.66 प्रतिशत हो गई है. इससे एक साल पहले यह 3.62 प्रतिशत थी. कुमार ने कहा कि बैंक को चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है और 2019-20 के लिए कर्ज वृद्धि की दर 10-12 प्रतिशत रखने का लक्ष्य है.
इस दौरान शुद्ध एनपीए का स्तर भी घट कर 3.01 प्रतिशत (65,895 करोड़ रुपये) रह गया. एक साल पहले यह 5.73 प्रतिशत (1,10,855 करोड़ रुपये) था. तिमाही में 7,505 करोड़ रुपये का नया एनपीए खड़ा हुआ है जबकि पूरे साल के लिए यह आंकड़ा 32,738 करोड़ रुपये का है. कुमार ने कहा कि साल के दौरान, बैंक की वसूली 37,000 करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर रहा. इसमें से 13,836 करोड़ रुपये दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) प्रक्रिया से आए.
कुमार ने कहा कि एस्सार स्टील, भूषण पावर एंड स्टील और आलोक इंडस्ट्रीज की समाधान योजना अग्रिम चरण में है. बैंक ने इनके लिए 100 प्रतिशत का प्रावधान किया है और प्रक्रिया पूरे होने के बाद इन खातों से करीब 16,000 करोड़ रुपये की वसूली होने की उम्मीद है. स्टेट बैंक ने आईएलएंडएफएस को 3,487 करोड़ रुपये का कर्ज दिया है जिसमें से 1,125 करोड़ रुपये एनपीए हो गए हैं. उन्होंने कहा कि बैंक ने कर्ज के लिए 50 प्रतिशत का प्रावधान किया है.
बैंक ने शेयर बाजार को बताया कि इस बार मार्च तिमाही में उसकी एकल आय करीब 11 प्रतिशत बढ़कर 75,670.50 करोड़ रुपये रही. एक साल पहले की इसी अवधि में एकल आय 68,436.06 करोड़ रुपये थी. पूरे वित्त वर्ष (अप्रैल – मार्च) 2018-19 में बैंक का एकीकृत शुद्ध लाभ 3,069.07 करोड़ रुपये रहा जबकि 2017-18 में उसे 4,187.41 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था. इस दौरान, एसबीआई की सभी कंपनियों से एकीकृत आय 3.30 लाख करोड़ रुपये रही , जो 2017-18 में 3.01 लाख करोड़ रुपये थी.