नई दिल्ली। उत्तर पश्चिमी दिल्ली से टिकट कटने पर सांसद उदित राज बीजेपी पर जमकर बरसे. उन्होंने दलित कार्ड खेलते हुए कहा कि क्या मुझे दलितों का समर्थन करने की सजा मिली. उन्होंने कहा कि मैंने अभी तक इस्तीफा नहीं दिया है. निर्दलीय चुनाव लड़ने के बारे में भी अभी कोई फैसला नहीं किया है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उदित राज ने कहा कि मैं समझ नहीं पा रहा कि मेरे साथ ऐसा क्यों हुआ. मुझे कुछ कारण समझ आ रहे, मसलन 2 अप्रैल 2018 को जब भारत बंद दलितों ने किया, उसका मैंने समर्थन किया, क्या उसकी सजा मिल रही है? 3 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट सीलिंग के खिलाफ रामलीला मैदान में जो हुआ, उसका मैंने समर्थन किया. क्या वो गलती थी? मैं दलितों के खिलाफ आवाज उठाता रहा.
उन्होंने सवाल किया कि सबरीमाला मामले में एससी के फैसले के समर्थन की सजा मिली है? क्या मुझे बेस्ट परफॉर्मेंस की सजा मिली है. मुझे इशारा कर देते कि मुझे टिकट नहीं मिलने वाला है. मुझे इसके लायक भी नहीं समझा गया. मुझे इसी बात का कष्ट है.
मैंने अभी तक इस्तीफा नहीं दिया है. इस्तीफा देने से पहले मैं देश भर के कुछ संगठनों से बात करूंगा. उदित राज ने फिर दोहराया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 4 महीने पहले ही मुझे बता दिया था कि इस बार मुझे टिकट नहीं मिलने वाला.
उन्होंने कहा कि अगर मुझे टिकट ही नहीं दिया जाएगा तो मैं लोगों की सेवा कैसे कर सकता हूं. इसके लिए मुझे ताकत चाहिए. उदित राज ने साफ किया कि मैंने अभी तक निर्दलीय लड़ने के बारे में विचार नहीं किया है. अगर मैं लड़ता तो जीतने के लिए ही लड़ता. उन्होंने कहा कि अब इतने कम समय में मैं इतने लाखों लोगों तक नया चुनाव चिन्ह कैसे पहुंचाऊं?
इससे पहले दिल्ली की उत्तर पश्चिमी सीट से टिकट कटते ही उदित राज ‘चौकीदार’ से डॉक्टर बन गए. दोपहर में उत्तर पश्चिमी सीट से सूफी सिंगर हंस राज हंस के नाम का ऐलान होते ही उदित राज ने अपने ट्विटर हैंडल में नाम के आगे से चौकीदार हटा लिया.
पिछले कई दिनों से उदित राज को टिकट मिलने पर संशय था. बीजेपी ने दिल्ली की 7 में से 6 सीटों पर टिकट का ऐलान कर दिया, लेकिन अंतिम वक्त तक उदित राज की सीट पर पत्ते नहीं खोले. अब नामांकन की समय सीमा खत्म होने से कुछ घंटे पहले बीजेपी ने हंस राज हंस के नाम का ऐलान किया.