इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में प्लेऑफ में जाने का गणित कभी इतना जटिल नहीं हुआ जितना कि अब है. 12वें सीजन में बेंगलुरू और चेन्नई के बीच हुए मैच में बेंगलुरू की जीत के बाद समीकरण जटिल हो गए है. जहां अब तक चेन्नई के प्लेऑफ में पहुंच चुके होने की घोषणा की जा रही थी, वहीं बेंगलुरू को भी बाहर का रास्ता दिखा गया था. लेकिन क्या वाकई यह सब कहना इतना आसान यह देखना भी काफी रोचक होगा.
अभी तक साफ नहीं हुई कहानी
पिछले मैचों को भूल कर अब केवल वर्तमान अंक तालिका देखें तो पिछले सप्ताह की जटिलताएं कायम हैं. इसका मतबल सिर्फ यह है कि अब भी टॉप चार में आने के लिए सभी टीमों के पास मौके हैं. सभी टीमों के (हैदराबाद और राजस्थान को छोड़ कर) 10 मैच हो चुके हैं. अगले चार मैचों में टीमों के पास काफी उठापटक करने की संभावना है. 10 मैचों के बाद भी किसी टीम का स्थान पक्का नहीं है.
क्या बेंगलुरू के पास है कोई गुंजाइश
अंक तालिका देखें तो बेंगलुरू के पास छह अंक हैं और उसके चार मैच बाकी हैं. अगर वह अपने बचे हुए चारों मैच जीत जाती है, तो उसके 14 अंक हो जाएंगे ऐसे में उसे केवल यह दुआ करनी है कि उससे आगे केवल तीन टीमें रहें. यानि कि बेंगलुरू को अब केवल चार टीमों को खुद से पीछे करना है. इन चार टीमों में राजस्थान की टीम एक हो सकती है. क्योंकि उसके भी छह अंक हैं. हालांकि उसके अभी पांच मैच बाकी हैं. इसके बाद कोलकता के भी 10 मैचों में 8 अंक हैं.
कैसे मुमकिन है बेंगलुरू का सपना
अब बेंगलुरू का सारा खेल नेट रन रेट और दूसरी टीमों पर निर्भर करता है. अगर टॉप तीन टीमें चेन्नई मुंबई और हैदराबाद होती हैं जो कि काफी मुमकिन है, तो बेंगलुरू के लिए बाकी टीमों से मुकाबले आसान होंगे. बेंगलुरू को 24 तारीख को पंजाब से, 28 तारीख को दिल्ली से, 30 तारीख को राजस्थान से और शनिवार 4 मई को हैदराबाद से मैच खेलना है. इन मैचों के अलावा अब उसे दुआ करनी होगी कि दिल्ली और पंजाब अपने बचे चार में से एक ही मैच जीत पाएं और बाकी बुरी तरह हारें. अगर कोलकाता और राजस्थान के दो ही मैच हारने से बेंगलुरू प्लेऑफ की दौड़ में बनी रही रहेगी.
ऐसे हो सकती है धोनी की टीम बाहर
चेन्नई अगर अपने बचे सारे चार मैच हार जाती है, तो उसके केवल 14 अंक रह जाएंगे और उसका नेट रन रेट भी कम हो जाएगा. इससे मुंबई दिल्ली (जिनके 12 अंक हैं) और हैदराबाद और पंजाब (जिनके 10 अंक हैं) को मौका मिल जाएगा कि वे चेन्नई को बार कर दें. अगर इन चारों टीमों के 14 अंक भी हो गए जो कि मुश्किल नहीं है, तो वे मिलकर अपने नेट रनरेट से चेन्नई को बाहर कर सकतीं हैं. लेकिन ये काम इतना आासन भी नहीं है.
कड़े मुकाबले बाकी हैं चेन्नई के लिए
चेन्नई को अभी हैदराबाद, मुंबई, दिल्ली, और पंजाब के साथ मैच खेलने हैं. इनमें से पहले तीन मैच चेन्नई में होने हैं. वहीं आखिरी मैच मोहली में होना है. यानि चेन्नई के लिए डगर आसान तो नहीं है. उसे प्लेऑफ में जाने के लिए एक जीत की जरूरत है जिससे वह कई टीमों को अपने मुकाबले से पीछे छोड़ देगी. लेकिन हैदराबाद से उसकी कड़ी टक्कर होना तय है. वहीं मुंबई भी चेन्नई को आसानी से उसके घर में जीतने नहीं देगी.