इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 12वें सीजन में जब राजस्थान का मुकाबला चेन्नई से जयपुर में होने वाला था, तब चेन्नई के कप्तान एमएस धोनी के पास नया रिकॉर्ड बनाने के एक खास मौका था. पिछले 11 साल में धोनी आईपीएल में हमेशा ही खास अंदाज में दिखे लेकिन इस मैच में उम्र का असर उन पर नहीं दिखा उनकी फुर्ती वही थी जो पहले दिखा करती थी. रन चुराने के अंदाज में भी उम्र आड़े नहीं आई. इस मैच में जीत धोनी की 100वीं जीत होने वाली थी और रोमांचक आखिरी ओवर में वह हो भी गई.
यह रिकॉर्ड था धोनी का मैच से पहले
इस मैच से पहले धोनी अपनी कप्तानी में 99 मैच जीत चुके थे, 100वां मैच जीतने के लिए धोनी के सामने राजस्थान को हराने की बड़ी चुनौती थी, वह भी उन्हीं के घर में. टॉस जीतकर धोनी को पहले गेंदाबाजी करने का मौका मिल गया. इस बार भी धोनी की टीम के खिलाड़ियों ने उन्हें निराश नहीं किया. शुरुआती ओवरों में जरूर लगा कि जोस बटलर चेन्नई के गेंदबाजों पर हावी हो सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और चेन्नई के गेंदबाजों ने बढ़िया गेंदबाजी करते हुए राजस्थान को 151 रनों पर रोक दिया.
कोई आसपास भी नहीं है धोनी के
धोनी का कप्तानी जीत का रिकॉर्ड पहले से ही अजेय था. वे पहले ऐसे कप्तान थे जिसने 99 मैच जीते थे. उनसे पीछे गौतम गंभीर हैं जिन्होंने 129 मैचों में 71 मैच जीते थे. शतक पूरा करने लिए धोनी के बल्लेबाजों को 20 ओवर में 152 का आसान सा लगने वाला लक्ष्य था, लेकिन शुरुआत में ही चेन्नई को झटके लगने लगे और पहले 6 ओवर तक शेन वाटसन, सुरेश रैना, फाफ डु प्लेसिस, और केदार जाधव पवेलियन लौट गए और 24 रन पर चार विकेट खोकर टीम संकट में आ गई.
166 मैचों में हासिल की यह उपलब्धि
धोनी का अपनी कप्तानी में यह 166वां मैच था. अब तक के 12 सीजन में धोनी ने केवल एक सीजन छोड़कर सारे सीजन में कप्तानी की थी. इस मैच में जीत चेन्नई के हाथ से फिसलती नजर आ रही थी कि धोनी (58) और अंबाती रायडू (57) ने 94 रनों की साझेदारी कर वापसी की. रायडू 18वें ओवर में 119 के स्कोर पर और धोनी आखिरी ओवर में 144 के स्कोर पर आउट हुए.
ये कप्तान हैं धोनी के पीछे, विराट का है यह नंबर
कप्तानों की इस सूची में धोनी और गंभीर के बाद विराट कोहली का नाम है जिन्होंने 102 मैचों में 44 मैच जीते हैं. उनके बाद रोहित शर्मा 94 में 54 मैच, फिर एडम गिलक्रिस्ट 74 में 35 और शेनवार्न ने 55 में 30 मैच जीते हैं. आखिरी ओवर में धोनी जब आउट हुए तो टीम को जीत के लिए टीम को 3 गेंदों में 8 रनों की जरूरत थी लेकिन सेंटनर ने दो गेंदों में दो रन और आखिरी गेंद पर छक्का लगा कर अपने कप्तान को जीत का तोहफा दे दिया.