नई दिल्ली। चारा घोटाला मामले में सज़ा काट रहे आरजेडी सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका का सीबीआई ने विरोध किया है. सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि लालू यादव अस्पताल से राजनीतिक गतिविधियां चलाते हैं और वह जेल में न रहकर अस्पताल के विशेष वार्ड में रहते हैं. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में कल सुनवाई होनी है.
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जमानत मांग रहे हैं लालू- सीबीआई
सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल कर कहा है, ‘’लालू यादव आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जमानत मांग रहे हैं. वह मेडिकल आधार पर जमानत मांगकर कोर्ट को गुमराह कर रहे हैं. सीबीआई ने यह भी कहा है कि राजनीतिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए लालू यादव को जमानत नहीं मिलनी चाहिए.
उनका भ्रष्टाचार देश की अंतरात्मा को झकझोरने वाला- सीबीआई
सीबीआई ने कोर्ट को बताया है कि लालू प्रसाद यादव को मिली सभी सजाओं को अगर जोड़ दिया जाए तो उनकी सजा साढ़े 27 हो जाती है. सीबीआई ने यह भी कहा है कि बिहार का मुख्यमंत्री रहते हुए उनका भ्रष्टाचार देश की अंतरात्मा को झकझोरने वाला था.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट चारा घोटाले से मामलों में लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर कल यानी 10 अप्रैल को सुनवाई करेगा. इन मामलों में यादव को दोषी ठहराया गया है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की पीठ ने सीबीआई से इस संबंध में नौ अप्रैल तक जवाब देने को कहा था.
क्या है मामला?
900 करोड़ रूपये से अधिक के चारा घोटाले से संबंधित तीन मामलों में प्रसाद को दोषी ठहराया गया था. ये मामले 1990 के दशक की शुरुआत में पशुपालन विभाग के कोषागार से पैसे की धोखाधड़ी करने से संबंधित थे. उस समय झारखंड बिहार का हिस्सा था. जिस समय कथित घोटाला हुआ था उस समय आरजेडी बिहार में सत्ता में थी और लालू प्रसाद बिहार के मुख्यमंत्री थे.