नई दिल्ली। आम चुनावों से ठीक पहले ज्यादा से ज्यादा वर्गों को खुश करने की जोरदार कोशिश के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने शुक्रवार को पेश अंतरिम बजट में मध्यम वर्ग, किसानों और मजदूरों के लिए लोक लुभावन घोषणाएं कीं. सरकर ने दो हेक्टेयर तक की जोत वाले किसानों को साल में 6,000 रुपये का नकद समर्थन देने की पेशकश की है.
दो हेक्टेयर की छोटी जोत वाले व सीमांत किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीए-किसान) योजना के तहत मार्च की शुरुआत में योजना की पहली किस्त के तौर पर 2,000 रुपये प्रदान किए जाएंगे. वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को संसद में 2019-20 का अंतरिम बजट पेश करते हुए किसानों को पीएम-किसान योजना के तहत तीन किस्तों में साल में 6,000 रुपये का आय सहयोग प्रदान करने की घोषणा की. प्रत्येक किस्त की राशि 2,000 रुपये होगी.
वित्तमंत्री ने कहा कि यह योजना एक दिसंबर, 2018 से प्रभावी होगी. नई योजना के तहत पहली राशि किसानों को 2,000 रुपये मार्च तक के लिए प्रदान की जाएगी. इस योजना का पूरा खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी. इस योजना में भूमिहीन किसानों को शामिल नहीं किया गया है.
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट पेश करने के बाद न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि किसानों को दी गई आर्थिक मदद ‘खैरात’ नहीं बल्कि यह देश के 12 करोड़ अन्नदाताओं का सम्मान है. विपक्ष पर निशाना साधते हुए गोयल ने कहा कि एसी रूम में बैठने वाले नहीं जानते कि 600 रुपये कितने महत्वपूर्ण होते हैं. हालांकि इंटरव्यू के दौरान उन्होंने स्वीकार किया कि किसान मुश्किलों का सामना कर रहे हैं.
गोयल ने कहा, “किसान इस राशि का इस्तेमाल दवाई खरीदने, खाद-बीज खरीदने के लिए कर सकता है. इस तरह की पहले कोई योजना नहीं थी. पीएम मोदी को किसानों को बड़ी चिंता है. पूर्ववर्ती सरकारें ने किसानों और लोगों के स्वास्थ्य की चिंता नहीं की. हमने गांवों की बिजली दी और ग्रामीण भारत के लिए आयुष्मान भारत योजना लॉन्च की.”